Definition of International Law अंतरराष्ट्रीय विधि की परिभाषा और प्रकृति

Photo of author

By Anand Pandey

अंतरराष्ट्रीय विधि की परिभाषा ( Definition of International Law )

ओपनहाइम , लारेंस तथा स्टार्क की परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय विधि ऐसे नियमों का समूह है जो कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के पारस्परिक संबंधों को नियंत्रित करता है अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों में राज्य प्रमुख स्थान रखता है परंतु राज्य के अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं व्यक्ति तथा गैर राज्य इकाइयां भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अंतर्गत आते हैं तथा अंतरराष्ट्रीय के विषय हैं

अंतरराष्ट्रीय विधि की प्रकृति

अंतर्राष्ट्रीय विधि की प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय विधि को कुछ विद्वान भले ही विद की मान्यता ना देते हो परंतु वह विधि तो है ही क्योंकि राज्य विधि मानते हैं इस प्रकार यह स्पष्ट हो चुका है कि आज के समय में जबकि अंतर्राष्ट्रीय विधि का यथेष्ठ विकास हो चुका है ओपेनहाइम द्वारा दी गई परिभाषा पुरानी तथा अनुपयुक्त हो गई है वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय विधि निरंतर विकसित होने वाले नियमों तथा सामान्य सिद्धांतों का ऐसा समूह है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के पारस्परिक संबंधों को नियंत्रित करता है अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के अंतर्गत प्रभुत्व संपन्न राज्य व्यक्ति लोग अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं थक गए राज्य इकाइयों सभी आ जाती हैं

क्या अंतरराष्ट्रीय विधि केवल शुद्ध नैतिकता है ? 

क्या अंतरराष्ट्रीय विद केवल शुद्ध नैतिकता है। इस कथन की विवेचना हेतु कि क्या अंतर्राष्ट्रीय विधि मात्र नैतिकता है या कुछ अन्य यह जानना आवश्यक है कि नैतिकता क्या है तथा यह विधि के नियम से किस प्रकार भिन्न है ओपेनहाइम के मतानुसार नैतिकता के नियम नियम है जो समुदाय की सामान्य सहमति द्वारा विवेक और केवल विवेक पर लागू होता है दूसरी ओर विद नियम वह नियम है जो आवश्यकता पड़ने पर समुदाय की सामान्य सहमत द्वारा वाह शक्ति द्वारा बनवाया जा सकता है राष्ट्रीय बीज की बंधनकारक इसके बारे में अब सामान्य स्वीकृति हो चुकी है जबकि शुद्ध नैतिकता के नियम बंधन कारी नहीं होते अंतर्राष्ट्रीय नैतिकता को उचित लोहार का स्तर कह सकते हैं जो व्यक्तिगत नैतिक निर्णय पर आधारित होते हैं यद्यपि नैतिकता का दृष्टिकोण अंतर्राष्ट्रीय विधि के विकास को प्रभावित करता है परंतु राज्य नैतिकता के नियमों का पालन करने हेतु बाध्य नहीं हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय विद के सभी नियम व अधिकारी होते हैं इसी आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय विधि मात्र नैतिकता नहीं है परंतु यह एक विधि है

Leave a Comment